आपस की बात सुने ब्लॉग पर पर्यावरण महोत्सव काव्यमय पखवाड़ा 2020 का आयोजन किया गया था जिस पर दूरदराज के मेरे साथी मित्र कवि, बड़े जन सभी ने कविताओं और लेखों के माध्यम से तथा अपने प्रकृति प्रेम को दर्शाकर अपनी सहभागिता प्रस्तुत की।जिसमें एक छोटी सी जगह मै भी बना पाया। इसके लिए मैं ब्लॉगर टीम का धन्यवाद करता हूं।
Friday 13 November 2020
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प्रशंसा पत्र
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अश्क़ में भीगते नयन मेरे, कह रहे हैं तू रोक मुझे। मदहोश ना हो उनकी आंखों में, जो बात किसी की और कहे। अंबर भी झुठले होंगे अब, बिन बदरा जो बरस ...
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आ ज भी वह दिन मैं नहीं भूल सका, वह हवा का सरसराता झोंका जो देखते ही देखते तूफान में बदल गया और मेरे सारे सपनों को चकनाचूर कर दिया। दोपहर का ...
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