Thursday 23 April 2020

मेरे यार - सतीश कुमार सोनी




ये छोटी-छोटी खुशियो के बड़े-बड़े तोहफे, बस एक ही है मेरे यार। 
उसने की कभी मेरी बेइज्जती, तो हुई  उससे कभी तकरार। 
पर जो कम न हुआ वो है उनका प्यार,
ऐसे है  मेरे यार ऐसे है मेरे यार। 

फुरसत से मिले उस क्लासरूम में, याद है मुझे उनका इठलाना। 
करके मन भर बाते और जी भर चुगली,फिर कहते मत उसे बताना। 
छोटी खुशियों को बड़ा बनाना, रूठ के एक पल फिर खुद मान जाना। 
शायद ही हो कहीं ऐसा प्यार,
ऐसे है  मेरे यार ऐसे है मेरे यार।। ....  

वैसे तो हम एक  जान थे, पर करते न हम किसी का सम्मान थे। 
पर आती बात जब किसी एक पर, लड़ते थे हम बड़े शान से। 
कहा मिलेंगे ऐसे गहने, ऐ मेरे यार तेरे क्या कहने। 
सच है यार बिना जीवन बेकार, ऐसे है मेरे यार........  

याद है उन सबका यह कहना, कही भी रहेंगे मिलते रहना। 
चल दिए सभी फिर अपने सफर पर, कहकर मिलेंगे फिर इसी जगह पर। 
हो गए है अब वो दिन भी पुराने, बीते थे जो दिन वो सुहाने। 
न भूल सकेंगे हम कभी भी , चाहे बीते दिन भी हजार। 
ऐसे है मेरे यार ऐसे है मेरे यार।
मिस यू मेरे यार........ 

google image
                                                                                 ( गूगल से साभार )

सतीश कुमार सोनी 
जैतहरी जिला अनूपपुर(म० प्र०) 

13 comments:

  1. सुरेन्द्र कुमार पटेल22 April 2020 at 20:54

    जीवन यात्रा का सुंदर सजीव चित्रण। बहुत-बहुत बधाई।

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    Replies
    1. ब्लॉग पर पधारने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सर।
      प्रणाम।🙏

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  2. बहुत ही अच्छी लेखनी है भाई

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  3. Sach me dosto ke sath din bahot achchhe hote hy

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  4. Very nice mere bhai satish ji

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  5. Bahut sunder such me dosti life me sabse pyara aur taumra chne wala rishta hy lakho khushiyon ke sath.

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